महात्मा गांधी की जीवनी, गाँधी जयंती , निबंध (जन्म, मृत्यु,) Mahatma Gandhi short story in Hindi

 गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है और कब मनाई जाती है?

  आज के समय महात्मा गाँधी जी को हम सब जानते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं की गाँधी जयंती क्यों और कब मनाई जाती है? यदि नहीं तो आज के इस article में आपको बताऊंगा की क्यूँ हम सब गाँधी जयंती मनाते हैं.

गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है और कब मनाई जाती है?
 गांधी जयंती क्यों मनाई जाती है और कब मनाई जाती है

 गाँधी जयंती एक राष्ट्रिय अवकास का दिन होता है, जिसे की October 2 को पुरे देशभर में हर्ष एवम उल्लाश के साथ मनाया जाता है. इस दिन को हमारे देश के पिता महात्मा गाँधी जी की जन्म हुई थी. और इसीलिए इनके जन्मदिवस पर उन्हें याद करने के लिए मनाया जाता है. गांधीजी का पूरा नाम था मोहनदास करमचंद गाँधी, लेकिन उन्हें ज्यादातर लोग बापूजी या महात्मा गाँधी पुकारकर करते थे.

गांधीजी की जन्मदिवस को पुरे संसार में सारे लोग अहिंसा दिवस के रूप में मनाते हैं. क्यूंकि गांधीजी स्वयं सबसे पड़े अहिंसा के पुजारी थे. और वहीं बात करें शांति और सचाई के तो वो इनके मूरत थे. इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को गाँधी जयंती क्यों मनाई जाती है? इसके बारे में थोड़ा जानकारी प्रदान करूँ जिससे आपको भी इस महान व्यक्ति के विषय में जानकारी मिल सके. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं, गाँधी जयंती क्यों मनाई जाती है.

गांधी जयंती क्या है  (What is Gandhi Jayanti in Hindi)

 गांधी जयंती भारत के इतिहास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण का दिन है क्योंकि इस दिन को मोहनदास करमचंद गांधी के जन्मदिन के नाम से जाना जाता है. इस दिन को भारत में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाते हैं, क्योंकि महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी के साथ-साथ महान प्रचारक भी हुआ करते थे.

महात्मा गांधी जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख व्यक्ति थे. वह भारत वासियों के लिए प्रेरणा के स्रोत थे.

आज भी न केवल भारत में बल्कि पूरे संसार में महात्मा गांधी जी के विचारों का बहुत सम्मान किया जाता है. इसलिए, गांधीजी की 151 वीं वर्षगांठ को ध्यान में रखते हुए, उस दिन दुनिया भर में उत्साह का माहौल देखने को मिलेगा.

महात्मा गांधी की जीवनी (Mahatma Gandhi Short Biography In Hindi)

नाम मोहनदास करमचंद गांधी
पिता का नाम करमचंद गांधी
माता का नाम पुतलीबाई
जन्म दिनांक 2 अक्टूबर, 1869
जन्म स्थान गुजरात के पोरबंदर क्षेत्र में
राष्ट्रीयता भारतीय
शिक्षा बैरिस्टर
पत्नि का नाम कस्तूरबाई माखंजी कपाड़िया [कस्तूरबा गांधी]
संतान बेटा बेटी का नाम 4 पुत्र -: हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास
मृत्यु 30 जनवरी 1948
हत्यारे का नाम नाथूराम गोडसे

 राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था. आपका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है. महात्मा गांधीजी का विवाह 13 वर्ष की ही उम्र में कस्तूरबा से हुई थी. गांधीजी अपने 19 वें जन्मदिन से लगभग एक महीने पहले ही 4 सितम्बर 1988 को यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन में कानून की पढाई करने और बैरिस्टर बनने के लिये इंग्लैंड चले गये। चार साल के बाद वह अपनी पढ़ाई पूरी करके भारत लौटे और कुछ दिनों तक यहां अभ्यास किया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली.

महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका यात्रा  [Visit at South Africa] -:

 इस बीच, उन्हें दक्षिण अफ्रीका की एक यात्रा करने का अवसर मिला. महात्मा गांधीजी को दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव का भी सामना करना पड़ा. दक्षिण अफ्रीका में, जब वह प्रथम श्रेणी की ट्रेन में यात्रा कर रहे थे, तब मोहनदास गांधीजी को एक अंग्रेज ने उनके सामान के साथ ट्रेन के डिब्बे से बाहर निकाल दिया था.

इस प्रकार गांधीजी दक्षिण अफ्रीका में रह रहे कुछ भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार और भेदभाव के खिलाफ भारतीय कांग्रेस का गठन किया. यह दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों के लिए संघर्ष के दौरान था कि गांधी ने आत्म-शुद्धता और सत्याग्रह के सिद्धांतों का भी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया , जो अहिंसा के उनके व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा थे. गाँधी जी दक्षिण अफ्रीका में भारतीय श्रमिकों , खनन मजदूरों और खेतिहर मजदूरों को एकजुट किया और अंग्रेजी शासन के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई. 21 साल दक्षिण अफ्रीका में रहने के बाद, गाँधी जी 1915 में भारत लौट आए.

गाँधी जी ने भारत की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. भारत लौटने के बाद, गांधी ने देश की स्वतंत्रता के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया. वह एक कुशल राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने अंग्रेजी राज्य से भारत की मुक्ति के लिए लड़ाई लड़ी और गरीब भारतीयों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई थी. वह देश भर में घूमते रहे और लोगों को अपनी देशभक्ति के बारे में जागरूक करते रहें. पूरी दुनिया खुद को अहिंसा के पुजारी के रूप में याद करती है.

महात्मा गांधीजी अपने सरल जीवन और उच्च आदर्शों के कारण भारतीयों के लोकप्रिय पिता बन गए. स्वतंत्रता के लिए युद्ध के दौरान विभिन्न आंदोलन, जैसे कि सविनय अवज्ञा, अंग्रेज भारत छोड़कर दांडी यात्रा के कारण गांधी जी को 15 अगस्त, 1947 को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था.

महात्मा गांधी की मृत्यु 

महात्मा गांधी की मृत्यु 


 मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे द्वारा कर दी गई थी. गोडसे एक हिंदू महासभा का सदस्य था. उन्होंने महात्मा गांधी पर पाकिस्तान का पक्ष लेने का आरोप लगाया और अहिंसा के सिद्धांत का विरोध किया.

गांधी जयंती कब मनाया जाता है?

 प्रत्येक वर्ष गांधी जयन्ती 2 अक्टूबर को मनाया जाता है , इस दिन, भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में भी घोषित किया जाता है. जिसमे सारी सरकारी संसथान बंद होती है. यह सभी राज्यों के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेशों में भी मनाया जाता है. महात्मा गांधी शांति, सत्य और अहिंसा के प्रतीक हैं. उनके आंदोलनों ने पूरे भारत में सफलता हासिल की है.

इस दुनिया में शांति और अहिंसा लाने के लिए उनका योगदान अद्वितीय है. 2 अक्टूबर का दिन पूरे भारत में गाँधी जयंती मनाया जाता है. इस दिन पर कई आयोजन होते हैं जैसे प्रार्थना सेवाएं, गांधी के जीवन और आंदोलनों को दर्शाने वाली फिल्में, स्मारक समारोह इत्यादि. गांधी जयंती का उत्सव भी मोहनदास करमचंद गांधी के जीवन और भारत की आजादी में योगदान देने का एक क्षण है.

महात्मा गांधी द्वारा किए गए आंदोलनों की लिस्ट सूची

प्रमुख आंदोलन अन्य आंदोलन / प्रारंभिक चरण के आंदोलन
  • सन 1920 में -: असहयोग आंदोलन [Non Co-operation Movement],
  • सन 1930 में -: अवज्ञा आंदोलन / नमक सत्याग्रह आंदोलन / दांडी यात्रा [Civil Disobedience Movement / Salt Satyagrah Movement / Dandi March],
  • सन 1942 में -: भारत छोड़ो आंदोलन [Quit India Movement].
  • सन 1918 में -: चंपारन और खेड़ा सत्याग्रह,
  • सन 1919 में -: खिलाफत आंदोलन [Khilafat Movement].


गांधी जयंती कविता (Gandhi Jayanti Poem)

 मैं गाँधी हूँ लेकिन सत्ता का भूखा नहीं

देश का वफादार हूँ परतंत्रता मुझे मंजूर नहीं

चाहो जो कहना हैं कह दो

मैंने कहकर नहीं, करके दिखलाया हैं

आज जो स्वतंत्र भूमि मिली हैं तुम्हे

कईयों ने उसे जान देकर छुड़ाया हैं

आसान हैं गलती निकालना

तकलीफों के लिए दोष दे जाना

मैंने अंग्रेजो को बाहर फैका था

तुम कूड़ा तो फेंक कर दिखलाओं

हमने अंग्रजों को बाहर फेंका था  

तुम खुद के लिए तो करके दिखलाओं

हमने तुम्हे स्वतंत्र भारत दिया था

तुम स्वच्छ भारत तो बनाओ

भले मत कहो इसे गाँधी जयंती

इसे स्वच्छ भारत का आवरण तो चढ़ाओ

Leave a Comment