पुलिस कर रही है गरीबो पे अतियाचार मैं बात कर रहा हूँ उत्तर प्रदेश राज्य का नॉएडा शहर की जिसमे गरीब मजदूर भूखे सड़के पर आ रहे हैं ताकि उनके और उनके परिवारों को कुछ खाने को मिल सके लेकिन यहां पुलिस की यह अतियाचार कोई क्राइम से कम नहीं है.
पुलिस और सरकार का कहना की आप घर पे रहें ताकि आप कोरोना की चपेट में न आ जाए और आपकी संक्रमित की वजह से कई और लोगों को मौत न हो जाए , लेकिन मेरा सवाल उन सरकार से है जो हम गरीबो को तो घर में रहने का आदेश तो दिए हैं.
लेकिन सरकार द्वारा भोजन या अनाज देने की फैसला हुई जिसमे बोला गया है की प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलोग्राम अनाज दिया जायेगा लेकिन यहां अनाज लेने गए व्यक्ति को रोड पर पुलिस द्वारा पिटाई की जा रही है और इसकी सेवा मनमौजी की जा रही है लेकिन आपको बता दे की 10 किलोग्राम के बजाय 1 किलोग्राम अनाज दिया जा रहा है और इसी वजह से गरीब मजदुर रो रोकर अपना बुरा हाल कर रखे हैं लोग मर जाने की बात कर रहे हैं तो मेरा अनुरोध सरकार से है की कृपया अनाज की सेवा उन हर गरीब को करें जिनको इसका शख्त जरूरत है दरअसल, लॉकडाउन के बाद बड़े शहरों में ऐसे हालात में वह रह भी नहीं सकते, क्योंकि अब उनके पास कोई काम नहीं है. काम नहीं तो पैसा नहीं और पैसा नहीं तो ना आवास और ना ही खाना. मजबूरन लोग छोटे-छोटे बच्चों और परिवारों के साथ पैदल ही सफर पर निकल चुके हैं. जानते हैं कि यात्रा महीनों लंबी हो सकती है इसके बावजूद छोटे-छोटे बच्चों के साथ जान जोखिम में डाल कर कई लोग अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं.
सीएम नीतीश कुमार ने इस तरह की परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘वैसे बिहार के लोग जो लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे हैं उनको लेकर राज्य सरकार ने विशेष योजना तैयार की है. जो भी लोग जहां फंस गए हैं, उनको वहां पर ही रखकर खाने-पीने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी.‘